Roshan Love sayeri

मेरी अधूरी प्रेम कहानी जानने के लिए मेरी वेबसाइट
पे बनेरहे

की रेत को मुट्ठी में दबोच नहीं पाए हम वह इतने बेवफा निकले की सोच नहीं पाए। रेत को मुट्ठी में दबोच नहीं पाए हम।वह इतने बेवफा निकले कि सोच नहीं पाए हम आंसू बहे पलकों से और बहकर सूख गए भीगी पलकों को अपनी पोंछ नहीं पाए वह शुक्रिया, शुक्रिया एक छोटी सी नज़्म है कि आँखों को रोने का काम दिया। हाथों को शराब का जाम दिया।और फिर देखा आसमान में चिल्लाता ज़ोर से और परिंदों को एक पैगाम दिया की जाओ जाके कह दो शख्स से की तेरे बिना भी जिया जा सकता है बेशक ज़हर है और हर रोज़ पिया जा सकता है आँखें बंद करने पर अब तेरा चेहरा सामने आना ज़रूरी तो नहीं तुझे बिना देखे भी सजदा किया जा सकता है।ले जा सकते हो तो ये हवाओं को भी साथ लेते जाना। शायद मेरे इत्र की खुशबू से उसे कुछ याद आ जाए। रकीब से मिला रही हो नजरें हो और जुबान पर अचानक मेरी बात आ जाए, ले जा सकते हो तो ये चिट्ठियां भी लेते जाओ जो उसे कभी दे नहीं पाए। हम और कह देना इन्हें पढ़कर यह ना सोचे कि उसके बिना रह नहीं पाए हम।कह देना किसी बंदिश में नहीं रहना पड़ेगा तुझे अब तेरी आज़ादी है, लो ये तस्वीर दिखा देना और कहना वक़्त मिले तो आना 17 को मेरी शादी है या शुक्रिया या शुक्रिया हाँ की तेरे गुनाहों की सजा क्या दूँ मैं मुर्दे को कसा क्या दूँ?
तुने छोड़ा है की इस बात पर मुझे लोग पूछ रहे हैं मैं वजह क्या दूँ?
तुझे बेवफा कहना भी तो आसान नहीं है दर्द कैसे दिखाऊं जमाने को?
जिस्म पर भी तो कोई निशान नहीं है आप इतने तो आँखों में सब तोड़ दिए पिंजरे से निकाले पंछी और पर काट कर छोड़ दिए।देख 1 दिन तो आएगी तू पछताएगी तू ये वादा करता हूँ मोहब्बत ही इतनी की थी तुझसे इसलिए नफरत भी बेहद ज़्यादा करता हूँ अब सब कुछ ठीक है मगर तेरा वापस आना फिजूल है तू मोहब्बत थी मेरी इसीलिए तेरा हर गम भी कुबूल है अब रोज़ कांटों से ज़िन्दगी जीएगी तू, हर रोज़ ज़हर का घूँट पीयेगी तू?
तड़प उठेगी मेरी एक झलक को भी बिन झपकाए सोएगी पलक को भी अभी तो न जाने कितनी रातें काली होंगी खुला आसमान होगा बारिश की बूँदें होंगी पर तेरी बाहें खाली होंगी मेरी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी भूल है तू अब नहीं कहूंगा की कुबूल है तू।मेरी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी भूल है तू अब नहीं कहूंगा की कुबूल है तू ज़रा ज़रा तेरी बेवफाई की किस्से गा रहा है तेरा आशिक अपनी रातों की कहानियों सुना रहा है, बता रहा है किस तरह तुने उसकी बाहों में भी वही वादे किए हैं ज़िन्दगी साथ बिताने के इरादे किए हैं तुझसे नफरत करने वालों में से भी चुनिंदा हूँ मैं।ये चिट्ठी लिख कर पहुंचाने वाला परिंदा हूँ और तू खुश है तू खुश रह बस इतना समझ लेना की तेरे बगैर भी ठीक हूँ, खुश हूँ और जिंदा हूँ।

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